How to motivate someone for success: एक बार की बात है एक जवान भिक्षु अपने मन में उठने वाले नकारात्मक विचारों से बहुत परेशान था |
ना चाहते हुए भी उसके मन में तरह-तरह के गलत विचार आते रहते थे | उसका स्वभाव भी बहुत चिड़चिड़ा हो गया था वह बात-बात पर गुस्सा हो जाता था |
इसी कारण से वह दूसरों के प्रति चालान और नफरत की भावना रखता था, इसके चलते और लोगों की बुराई करता और अपने मन में तरह-तरह नकारात्मक विचारों की कल्पना करता |
How to motivate someone for success
इसी कारण से वह बहुत परेशान रहता था और उसने यह नकारात्मक विचारों को खत्म करने के लिए बहुत से तरीके अपनाए लेकिन वह सारे तरीकों में कामयाब नहीं हो सकता और फिर वह एकदम सात हताश हो गया |
जब सारे दरवाजे बंद हो गए तो उसने अंततः निराश होकर एक दिन सोचा कि वह अपने गुरु के पास जाएगा और वही उसकी अपनी इसी दलदल में से बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा |
उसका गुरु बहुत ही आत्मज्ञानी था और बहुत ही काबिल था | जवान बुद्ध भिक्षु ने अपने गुरु के पास जाकर कहा कि मैं अपने मन में उठने वाले नकारात्मक विचारों को कैसे खत्म कर सकता हूं |
गुरु ने उत्तर देते हुए कहा कि जो नकारात्मक विचार होते हैं वह बादलों की तरफ होते हैं जो सांप आसमान को धुंधला बना देते हैं |
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और अगर तुम्हें साफ आसमान देखना है तो इन नकारात्मक विचारों वाले बादलों को हटाना पड़ेगा, और यह विचार को निकालने के लिए तुम्हें पहले तो अपने जो नकारात्मक विचार आ रहे हैं उसके मूल कारण को समझना होगा और उसे नष्ट करना पड़ेगा |
जवान बुद्ध भिक्षु को गुरु की यह बात समझ नहीं आई तो उसने गुरु को कहा कि इसको थोड़ा विस्तार से समझाइए |
यह सुनकर गुरु ने अपने शिष्य को एक कहानी के जरिए यह बात समझाएं कहानी कुछ इस तरह से,
एक बार एक व्यक्ति जंगल से गुजर रहा था, रास्ते में उसको एक सांप दिखाई दिया सांप को देखते ही वह व्यक्ति डर गया और वहां से भागने लगा वह जब दौड़ रहा था तभी उसका पर एक पत्थर से टकरा गया और वह गिर गया |
उसने खुद को काफी घायल कर लिया था उसने पीछे मुड़कर देखा तो वहां पर कोई शार्प नहीं था सर के आकार की एक लकड़ी थी |
अब उसे व्यक्ति को समझ आया कि उसको नुकसान पहुंचाने वाला वह सर्प नहीं या वह लकड़ी नहीं बल्कि अपने भीतर छिपा हुआ वह नकारात्मक विचार या फिर डरावना विचार ही था |
कहानी पूरी करते हुए गुरु ने कहा कि जैसे इस व्यक्ति के अंदर जो नकारात्मक विचार है वही उसके लिए नुकसान का कारण बना उसी तरह तुम्हारे लिए भी कोई बाहर का कार्य नहीं है अपने अंदर बैठे हुए नकारात्मक विचार हैं भावना और लोगों के प्रति बुरी नजर से देखने का नजरिया ही है |
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इसीलिए तुम्हें अपने नकारात्मक विचार खत्म करने के लिए इसके मूल कारण को समझ कर उसकी जड़ से खत्म करना होगा |
अब हम इस चीज को अपने जीवन में कैसे लागू कर सकते हैं इसके लिए कुछ TIPS है |
पहले है अपने जागरूकता का इस्तेमाल करो यानी अपने जागरूक मन का उसे करके नकारात्मक चीजों से दूर रहो |
और देखो क्या आपके भीतर क्या चल रहा है आप अपने आसपास की घटनाओं पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और साथ ही मन में उठने वाले नकारात्मक विचार का करण देखो |
दूसरा अपने अतीत की बुरी आदतों और बुरी घटना को याद करो और जो भी लोग हैं उन्हें माफ करो |
तीसरा आभारी रखो यानी ग्रेटफुल रखो, जो भी अपने पास है उसके लिए इस ब्रह्मांड का इस यूनिवर्स का आभार प्रकट करो आभार प्रकट करने से हम हमारे भीतर एक पॉजिटिव एनर्जी का संचालन करते हैं |
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चौथा दयाल बानो खुद के प्रति भी और दूसरों के प्रति भी क्योंकि नकारात्मक विचार हमेशा खुद के अंदर खुद को नीचा दिखाने या फिर हीन भाव पैदा करता है हमारे अंदर तेरा भाव रखकर हम नकारात्मक विचारों से दूर रहकर सुपर शांति से रह सकते हैं |
यानी नकारात्मक विचार को दूर करने के लिए हमें बाहरी कारण खोजने की जरूरत नहीं है हमें अपने भीतर में ही शांति दयालु स्वभाव और ग्रेटफुल रहना चाहिए और बुरी आदत और बुरी घटनाओं से दूर रहकर हम अपने आप को सकारात्मक और सुंदर विचारों से भर सकते हैं |
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कहानी में जो सर्प था इस प्रकार नकारात्मक विचार भी हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं |
तो आप अपने आप को नकारात्मक विचारों से दूर रहकर हमेशा तनाव और चिंता से दूर रख सकते हैं कर सकते हैं और सुखी और शांति भरा जीवन जी सकते हैं |
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मिलते हैं किसी और एक बेहतरीन आर्टिकल के साथ तब तक जय हिंद जय भारत |